क्योंकि तुझमें उनके, प्रितम नज़र आ रहे हैं। क्योंकि तुझमें उनके, प्रितम नज़र आ रहे हैं।
आज ना देखते तो सचमुच उदासी से भर गए होते। आज ना देखते तो सचमुच उदासी से भर गए होते।
सज सँवर कर रहने लगी है वो जो हमेशा अस्त व्यस्त रहती थी। सज सँवर कर रहने लगी है वो जो हमेशा अस्त व्यस्त रहती थी।
चांद सरीखो मुखड़ो तेरो, सज-धज कर आईं है चांद सरीखो मुखड़ो तेरो, सज-धज कर आईं है
मुसीबतों में भी हम जितने करीब आए मुसीबतों में भी हम जितने करीब आए
फीकी फीकी सी थी रंगत मेरी, सिंदूरी हो जाऊं मैं। फीकी फीकी सी थी रंगत मेरी, सिंदूरी हो जाऊं मैं।